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मध्यकाल: कुतुबशाही राजवंश

बीदर के सुल्तान महम्‍मद शाह बहमनी द्वितीय ने 1463 ई. में सुल्तान कुली कुतुब-उल-मुल्‍क को हैदराबाद क्षेत्र का सूबेदार बनाकर भेजा। 1518 ई. में बहमनी साम्राज्‍य के विघटन के बाद सुल्तान कुली ने स्‍वतंत्रता की घोषणा की और सुल्तान कुली कुतुब शाह की उपाधि धारण कर ली। उसने अपनी राजधानी काकतीय के गोलकुंडा किले में स्‍थापित की और कुतुबशाही राजवंश की स्‍थापना की।

1589 ई. में पॉंचवे शासक मुहम्‍मद कुली कुतुब शाह ने अपनी राजधानी मुसी नदी के तट पर स्‍थापित की। हैदराबाद शहर के नामकरण के बारे में अनेक कहानियां हैं। इनमें उल्‍लेखनीय है कि यह नाम कुतुबशाह के बेटे हैदर अथवा राज दरबार की नर्तकी भागमती के नाम से लिया गया था, जिसे हैदर महल की उपाधि दी गई थी।

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