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प्राचीन दक्कन

हैदराबाद के पास एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत है जो 2,000 वर्षों से भी अधिक समय से चली आ रही है। पौराणिक स्रोतों के अनुसार तीसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्‍दी ईस्‍वी के दौरान, पूर्व और पश्चिम दोनों ओर से समु्द्र को स्‍पर्श करता दक्‍कन का पठार जिसमें अतीत का हैदराबाद राज्‍य तेलंगाना भी शामिल था, पर सातवाहन राजवंश का लगभग 450 वर्षों का शासन काल रहा। दक्‍कन का यह पहला साम्राज्‍य माना गया। बकाटक साम्राज्‍य से अलग होकर बना विशुकुंडिन राजवंश ने 5वीं – 6वीं शताब्‍दी के दौरान यहॉं शासन किया, जिनके बाद चालुक्‍य वंश आया। परवर्ती काल में 12वीं-14वीं शताब्दियों के दौरान इस क्षेत्र में वारंगल के काकतीय का आधिपत्‍य रहा। 1323 ई. में तुगलकों ने इन्‍हें अपदस्‍थ कर दिया। काकतीय शासकों ने आधुनिक हैदराबाद शहर के समीप छोटी पहाड़ी पर गोलकुंडा किला भी निर्मित किया। काकतीय राजवंश की हार और उसके परिणामस्वरूप मुस्लिम आक्रमण के कारण भ्रम और अराजकता फैल गई । काकतीय शासन के अधीन कार्य कर चुके कमांडरों ने तेलुगु क्षेत्र को संगठित किया।

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